वर्ण अर्थ रस छंद अरू, मंगल हेतु गणेश । सद्विचार उर में भरे, शारद नारद शेष ।। इस ब्लाॅग में उपासना पद्धति, धार्मिक कविताएं, भजन आदि संग्रहित किए जा रहे हैं ।